
परिचय
भारत और ब्रिटेन की सरकारों ने हाल ही में £1.8 मिलियन की साझेदारी की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य है UK-India Critical Minerals Supply Chain Observatory की स्थापना, जो भारत में IIT-ISM धनबाद में TEXMiN द्वारा संचालित एक सैटेलाइट कैंपस के माध्यम से किया जाएगा :contentReference[oaicite:0]{index=0}। इस पहल के तहत धनबाद में टेक्नोलॉजी और सिक्योरिटी की दिशा में एक प्रमुख केंद्र (CAMPUSh) लॉन्च किया गया है, जो critical minerals जैसे lithium, copper, nickel, और cobalt की आपूर्ति शृंखला की डिजिटल ट्रैसेबिलिटी, सतत स्रोत, और पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर केंद्रित होगा :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
UK-India Technology Security Initiative (TSI)
TSI, जुलाई 2024 में शुरू की गई एक व्यापक रणनीतिक पहल है, जिसमें संचार, critical minerals, semiconductors, AI, quantum, biotech और advanced materials सहित सात प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों पर भारत और ब्रिटेन सहयोग करते हैं :contentReference[oaicite:2]{index=2}। यह पहल भारत के आत्मनिर्भरता और डिजिटल सुरक्षा लक्ष्यों से मेल खाती है और वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस पहल के तहत स्थापित Observatory का नेतृत्व University of Cambridge के Institute for Manufacturing (IfM) करेगा, जिसमें IIT Bombay और IIT-ISM समेत कई भारतीय संस्थान साझेदार हैं :contentReference[oaicite:3]{index=3}। इसका लक्ष्य critical mineral supply chains की मैपिंग, जोखिम आकलन, निवेश और रीसाइक्लिंग अवसरों की पहचान करना है :contentReference[oaicite:4]{index=4}।
TEXMiN और IIT-ISM में CAMPUSh
TEXMiN (Technology Innovation in Exploration and Mining Foundation) एक Section-8 कंपनी है, जिसे National Mission on Interdisciplinary Cyber-Physical Systems (NM-ICPS) के तहत DST द्वारा IIT-ISM में स्थापित किया गया—a Technology Innovation Hub (TIH) और Technology Translation Research Park (TTRP) :contentReference[oaicite:5]{index=5}।
इस नए UK-India सहयोग से TEXMiN अब एक सैटेलाइट CAMPUSh होस्ट करेगा, जो भारत में critical minerals के डिजिटल अवसंरचना निर्माण में केंद्र बनेगा। इसकी कार्यप्रणाली में AI, ब्लॉकचेन, advanced analytics और साइबर-फिजिकल सिस्टम शामिल होंगे ताकि traceability, sustainable sourcing, और सप्लाई चेन की पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके :contentReference[oaicite:6]{index=6}।
Prof. Sukumar Mishra (Director, IIT-ISM) और Prof. Dheeraj Kumar (Deputy Director, Project Director TEXMiN) ने इस साझेदारी को भारत की critical minerals क्षेत्र में आत्म-निर्भरता और वैश्विक नेतृत्व के सफर में महत्वपूर्ण बताया :contentReference[oaicite:7]{index=7}।
महत्त्व और प्रभाव
यह पहल कई अर्थों में महत्वपूर्ण है:
- **सतत और सुरक्षित आपूर्ति:** EV, renewable energy और semiconductor क्षेत्र में उपयोग होने वाले critical minerals की traceability और सततता बढ़ेगी।
- **शोध एवं नवाचार:** IIT-ISM धनबाद जैसे संस्थानों में AI, ब्लॉकचेन और डाटा एनालिटिक्स जैसे अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग बढ़ेगा।
- **मानव संसाधन और क्षमता निर्माण:** Rare Earth Elements पर Ahmedabad में iCEM के variant सहित स्थानीय विशेषज्ञता और स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा :contentReference[oaicite:8]{index=8}।
- **राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता:** critical minerals की घरेलू स्टॉक्स सुरक्षित रहेगी और विदेशी निर्भरता घटेगी।
John Aston (Pro-Vice-Chancellor, University of Cambridge): “Critical minerals have a key role in all our lives… especially in energy transition and new technologies.” :contentReference[oaicite:9]{index=9}
कार्यान्वयन और तकनीकी दृष्टिकोण
CAMPUSh में जो तकनीकी घटक शामिल होंगे, वे इस प्रकार हैं:
- AI आधारित मॉडल: सप्लाई चेन जोखिम का पूर्वानुमान और अनियमितताओं का पता लगाना।
- ब्लॉकचेन ट्रैसेबिलिटी: माइन से प्रोसेसिंग तक minerals के हर चरण का रिकॉर्ड और सत्यापन।
- GIS और IoT सेंसर: खनन और परिवहन गतिविधियों की निगरानी और डेटा संग्रहण।
- डेटा इंटीग्रेशन प्लेटफ़ॉर्म: IfM Cambridge, IIT-Bombay, CSIR, GMDC और IIT-ISM से डेटा-शेयरिंग को सक्षम करना :contentReference[oaicite:10]{index=10}।
यह प्लेटफ़ॉर्म भारत एवं यूके दोनों में नियामक निगरानी, निवेश निर्णय और रीसाइक्लिंग पहल में नयाँ दृष्टिकोण लाएगा।
चुनौतियाँ और रास्ते
हालाँकि पहल प्रभावशाली है, लेकिन कई चुनौतियाँ सामने हैं:
- **डेटा गोपनीयता और सुरक्षा:** cross-border data sharing का नियामकीय ढाँचा सुनिश्चित करना।
- **बुनियादी ढाँचा:** धनबाद जैसे स्थानों में लगातार विद्युत, इंटरनेट तथा हार्डवेयर को सक्षम बनाना।
- **मानव संसाधन:** AI, ब्लॉकचेन और CPS जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता बढ़ाना।
- **नीतिगत स्पष्टता:** mining सुरक्षा, environmental norms और intellectual property frameworks की व्यवस्था।
भविष्य की दिशा
Ahead, इस CAMPUSh से जो अपेक्षाएँ हैं उनमें शामिल हैं:
- मिनी observatories या hubs और IITs में स्थापित होना, जिससे व्यापक नेटवर्क तैयार हो।
- skill, policy और industry ecosystem का निर्माण, जिससे mining 4.0 और green mining को बढ़ावा मिले।
- cross-sector partnerships, जैसे कि EV उत्पादकों, renewable energy firms और defense तकनीक में minerals उपयोग का समावेश।
- जंगल, खनन समुदाय और सरकारी निकायों के बीच सहयोग से inclusive और sürdürülebilir मॉडल बनाना।
निष्कर्ष
UK-India Technology Security Initiative के तहत TEXMiN द्वारा IIT-ISM धनबाद में CAMPUSh की स्थापना एक ऐतिहासिक और प्रगतिशील कदम है। यह सिर्फ एक शिक्षा या शोध केंद्र नहीं है—यह भारत के critical minerals के क्षेत्र में आत्म-निर्भरता, पारदर्शिता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक मजबूत स्तंभ बनेगा।
यदि यह पहल सुव्यवस्थित रूप से कार्यान्वित होती है, तो यह नीति, नवाचार और प्रौद्योगिकी के संगम से भारत की mining क्षमता में नई जान फूंक सकती है, और 21वीं सदी की वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसे महत्वपूर्ण गियर बना सकती है।