भारत का पहला AI-चालित MALE कॉम्बैट ड्रोन "काल भैरव" पेश

Harendra singh
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भारत का पहला AI-चालित MALE कॉम्बैट ड्रोन "काल भैरव" पेश
Defence • Tech • India
By Cyber Defence Desk
AI Combat Drone India

परिचय

भारत ने रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए पहला AI-चालित MALE (Medium Altitude Long Endurance) कॉम्बैट ड्रोन “काल भैरव” लॉन्च किया है। इसे बेंगलुरु स्थित Flying Wedge Defence and Aerospace ने विकसित किया है।

"काल भैरव न सिर्फ़ तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है बल्कि यह अमेरिकी Predator ड्रोन के मुकाबले सस्ता, आधुनिक और भारत की ज़रूरतों के अनुकूल समाधान है।"

ड्रोन विकास की पृष्ठभूमि

भारतीय रक्षा अनुसंधान ने पिछले दशक में ड्रोन तकनीक पर बड़ा निवेश किया है। पहले जहां भारत निगरानी ड्रोन पर निर्भर था, अब कॉम्बैट ड्रोन का विकास देश की सामरिक क्षमताओं को नई ऊँचाई पर ले जाएगा।

काल भैरव की मुख्य विशेषताएँ

तकनीकी खूबियाँ:
  • 30 घंटे तक की उड़ान क्षमता।
  • स्वार्म स्ट्राइक तकनीक — यानी एक साथ कई ड्रोन द्वारा हमला।
  • AI-आधारित टार्गेटिंग और मिशन प्लानिंग।
  • हथियार ले जाने और प्रिसिशन स्ट्राइक करने की क्षमता।
  • लंबी दूरी और उच्च ऊँचाई (MALE) उड़ान।
  • लो-कॉस्ट लेकिन हाई-टेक डिज़ाइन।

Predator से तुलना

अमेरिका का MQ-9 Predator ड्रोन दुनिया का सबसे प्रसिद्ध MALE कॉम्बैट ड्रोन है। लेकिन काल भैरव इसकी तुलना में भारत को अधिक लागत प्रभावी और स्वदेशी विकल्प देता है।

विशेषता काल भैरव MQ-9 Predator
उड़ान क्षमता 30 घंटे 27 घंटे
टेक्नोलॉजी AI-चालित + स्वार्म स्ट्राइक सिंगल ऑपरेशन
लागत Predator की तुलना में काफी सस्ता बहुत महंगा
मूल भारत (Make in India) अमेरिका

रणनीतिक महत्व

यह ड्रोन भारत को सीमाओं की निगरानी, काउंटर-टेररिज्म ऑपरेशन, और भविष्य के युद्ध में बढ़त देगा।

  • चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर निगरानी।
  • समुद्री सुरक्षा और हिंद महासागर में नियंत्रण।
  • अत्याधुनिक AI से युद्ध में तेज़ और सटीक फैसले।

Make in India और आत्मनिर्भरता

काल भैरव का विकास ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का हिस्सा है। इससे विदेशी हथियारों पर निर्भरता घटेगी और भारतीय रक्षा उद्योग को नया बल मिलेगा।

भविष्य की संभावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में भारत और भी AI-आधारित हथियार प्रणाली और अत्याधुनिक ड्रोन विकसित करेगा। इससे भारत रक्षा तकनीक में वैश्विक नेता बन सकता है।

निष्कर्ष

काल भैरव की लॉन्चिंग भारत के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है बल्कि सामरिक दृष्टि से भी देश को और अधिक सशक्त बनाता है।

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